EPS Pension Hike: ₹1000 से 7500 रुपये हो जाएगी EPS पेंशन? जानें पूरी जानकारी
EPS Pension Hike: संसद की एक स्थायी समिति चाहती है कि लेबर मिनिस्ट्री द्वारा यह मूल्यांकन प्रक्रिया 2025 के अंत तक पूरी हो जाये. ताकि EPS के तहत 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाई जा सके.

EPS Pension Hike Latest News: EPS के तहत न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है. ट्रेड यूनियन और पेंशनभोगियों द्वारा लंबे समय से की जा रही डिमांड पर अब सरकार भी एक्शन में दिख रही है. संसद की एक स्थायी समिति ने श्रम मंत्रालय से एक निश्चित समय सीमा के भीतर किसी थर्ड पार्टी से EPS का मूल्यांकन पूरा करने के लिए कहा है.
दरअसल, काफी लंबे समय से पेशनभोगियों की मांग है कि कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाई जाये. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2014 में उन EPFO सदस्यों के लिए न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन 1,000 रुपये तय की थी जो कम से कम 10 साल तक पेंशन स्कीम में योगदान करते हैं.
पेंशनभोगियों की जगी उम्मीद
रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार है जब सरकार किसी थर्ड पार्टी से EPS का मूल्यांकन करवाएगी. EPS की शुरुआत आज से तीन दशक पहले हुई थी. अब इसे EPS-95 के नाम से भी जाना जाता है.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति चाहती है कि लेबर मिनिस्ट्री द्वारा यह मूल्यांकन प्रक्रिया 2025 के अंत तक पूरी हो जाये. इसी मद्देनजर समिति ने श्रम मंत्रालय से इस मामले को तत्परता से लेने को कहा है ताकि ईपीएस के तहत 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाई जा सके.
संसदीय समिति ने और क्या कहा?
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में कॉस्ट ऑफ लीविंग यानी जीवनयापन की लागत कई गुना बढ़ गई है. यानी महंगाई कई गुना बढ़ गई है, लेकिन पेंशन राशि वही है.
EPS की शुरुआत साल 1995 में हुई थी. इस स्कीम का मकसद कर्मचारियो को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित इनकम सुनिश्चित कराना है. संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 30 साल बाद EPS किसी पार्टी द्वारा इसका मूल्यांकन किया जा रहा है. समिति यह अनुशंसा करती है कि यह मूल्यांकन एक निश्चित समय सीमा यानी 2025 के अंत तक पूरा किया जाना चाहिए.
इसके बाद मंत्रालय ने समिति को बताया है कि थर्ड पार्टी की समीक्षा की प्रक्रिया अनुरोध प्रस्ताव (RFP) के माध्यम से शुरू की गई है और वर्तमान में काम चल रहा है. साथ ही मंत्रालय ने समिति को यह भी बताया है कि इस तरह की कोई समीक्षा पहले कभी नहीं की गई थी.