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पाकिस्तान को नहीं मिलेगा पीने का पानी! Pahalgam Attack को लेकर सरकार ने लिए ये फैसले

Pahalgam terror attack: बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान! एयर और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब Water Strike से पाकिस्तान का होगा बुरा हाल

 
Terror attack pahalgham

Pahalgam terror attack: बालाकोट हमले का भारत ने एयरस्ट्राइक से जवाब दिया, पुलवामा में हमलों का भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से जवाब दिया अब पहलगाम में हमले का भारत ने वॉटर स्ट्राइक से जवाब दिया है. भारत के कठोर कदम से पाकिस्तान का दाना पानी खतरे में पड़ गया है.

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की निर्मम हत्या और 20 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं.

इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है. हमला ऐसे समय में हुआ जब भारत सरकार कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही थी.

पाकिस्तान के पहले भी कायरता वाले हमलों का भारत ने जवाब दिया है. बालाकोट हमले का भारत ने एयरस्ट्राइक से जवाब दिया, पुलवामा में हमलों का भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से जवाब दिया अब पहलगाम में हमले का भारत ने वॉटर स्ट्राइक से जवाब दिया है. भारत के कठोर कदम से पाकिस्तान का दाना पानी खतरे में पड़ गया है.

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:

  1. सिंधु जल संधि पर रोक: भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह संधि दोनों देशों के बीच जल बंटवारे की व्यवस्था करती थी.
  2. वाघा-अटारी सीमा बंद: भारत ने पाकिस्तान के साथ एकमात्र खुली सड़क सीमा वाघा-अटारी को बंद कर दिया है. यह सीमा दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार और लोगों के आवागमन का प्रमुख मार्ग थी.
  3. दूतावास स्टाफ में कटौती: भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के स्टाफ को कम करने का निर्णय लिया है और पाकिस्तान के सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश दिया है.
  4. SAARC वीजा छूट योजना का निलंबन: भारत ने SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानियों को दी गई सभी वीजाओं को रद्द कर दिया है और उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है.

क्या है सिंधु जल समझौता?

सिंधु जल संधि, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण जल-बंटवारा समझौता है, जिसे विश्व बैंक की मध्यस्थता में तैयार किया गया था. इस संधि का मुख्य उद्देश्य सिंधु नदी प्रणाली के जल संसाधनों के उपयोग को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित विवादों को टालना था.

इस समझौते के तहत सिंधु नदी प्रणाली की छह प्रमुख नदियों को दो समूहों में विभाजित किया गया. पूर्वी नदियों — ब्यास, रावी और सतलुज — का अधिकार भारत को दिया गया, जबकि पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब के जल का उपयोग पाकिस्तान को सौंपा गया. 

इस व्यवस्था के तहत भारत को अपनी पूर्वी नदियों के जल का पूरा उपयोग करने की अनुमति मिली, वहीं वह पश्चिमी नदियों के जल का सीमित उपयोग सिंचाई, घरेलू जरूरतों और गैर-उपभोग वाले उद्देश्यों के लिए कर सकता था, लेकिन अब भारत ने इस समझौते को खत्म कर दिया है.

वॉटर स्ट्राइक से पाकिस्तान को कितना होगा नुकसान?

  • पाकिस्तान की लगभग 80 फीसदी खेती जो करीब 1.6 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है, सिंधु नदी प्रणाली पर पूरी तरह निर्भर करती है.
  • इस जल प्रणाली से मिलने वाले पानी का लगभग 93 प्रतिशत हिस्सा केवल सिंचाई के काम में आता है. अगर यह पानी न मिले, तो देश में खेती लगभग असंभव हो जाएगी.
  • सिंधु बेसिन क्षेत्र में रहने वाली पाकिस्तान की 61 प्रतिशत आबादी यानी लगभग 23.7 करोड़ लोग इस जल स्रोत पर निर्भर हैं.
  • सिंधु और इसकी सहायक नदियों से ही कराची, लाहौर और मुल्तान जैसे बड़े शहरों की जल आपूर्ति होती है.
  • तरबेला और मंगला जैसे पाकिस्तान के प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं भी सिंधु नदी पर आधारित हैं, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती हैं.
  • भारत के सिंधु जल समझौता खत्म करने से पाकिस्तान में खाद्य उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है, जिससे लाखों लोगों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
  • सिंधु जल आपूर्ति बाधित होने से पाकिस्तान के शहरी इलाकों में जल संकट उत्पन्न हो सकता है, जिससे सामाजिक अशांति फैलने की संभावना बढ़ जाएगी.
  • साथ ही, बिजली उत्पादन भी प्रभावित होगा, जिससे औद्योगिक गतिविधियां और शहरों की सामान्य दिनचर्या ठप हो सकती है, और व्यापक अंधकार की स्थिति पैदा हो सकती है.