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Period Blood Ke Nuksaan: पीरियड ब्लड से होते हैं ये Fayde, देखें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

Period Blood Ke Nuksaan: हाल ही में वैज्ञानिकों ने मासिक धर्म के रक्त से कई तरह की बीमारियों का पता लगाने की बात कही है. इसको लेकर वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च पेश की है. 

 
Period blood

Period Blood Medical Research: आमतौर पर पीरियड ब्लड को हम सभी शरीर से निकला हुआ वेस्ट समझते हैं, हालांकि इस खून में अच्छी मात्रा में सेल्यूलर और मॉलीक्यूलर संरचनाएं होती हैं, जिसमें इम्यून सेल्स, स्टेम सेल्स और एंडोमेट्रियल सेल्स होती हैं. इसके अलावा इसमें प्रोटीन और फैट जैसे मेटाबोलाइट्स भी होते हैं. ये सभी चीजें मिलकर पीरियड ब्लड को किसी बीमारी का पता लगाने में अच्छी-खासी मदद कर सकते हैं. 

पीरियड ब्लड से लगेगा इस बीमारी का पता

'साइंस अलर्ट' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक शोधर्कता पीरियड ब्लड का इस्तेमाल करके इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या यह कुछ तरह की बीमारियों का पता लगाने, किसी हेल्थ कंडीशन के लक्षणों की पहचान करने और किसी बीमारी के उपचार करने में मदद आता है या नहीं. 

शोधकर्ता मुख्यतौर पर इससे एंडोमेट्रियोसिस की जांच कर रहे हैं. यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें एंडोमेट्रियल टिश्यू महिला के गर्भाशय और आंत्र-अंडाशय जैसे शरीर के अन्य अंगो में बढ़ने लगता है. 

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ये समस्या 10 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है, हालांकि इसपर शोध करने के लिए फंड बेहद कम हैं. पीरियड ब्लड से जुड़े इस शोध ने वैज्ञानिकों को राहत की सांस पहुंचाई है. 

ऑर्गनाइड विकसित करने में मिली सफलता 

शोधकर्ताओं ने पीरियड ब्लड के खून से एंडोमेट्रियल सेल्स का इस्तेमाल करके ऑर्गनाइड को विकसित करने में सफलता हासिल की है. ऑर्गेनाइड खून में पाए जाने वाले स्टेम सेल से मिलने वाले अंगो के बेहद छोटे 3D मॉडल हैं, इन्हें लैब में विकसित किया जाता है. 

यह गर्भाशय के सबसे अंदर की परत में होने वाली चीजों की नकल कर सकते हैं.  शोधकर्ता एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं के पीरियड ब्लड से ऑर्गनाइड विकसित कर इस बीमारी का मॉडल बनाने में सक्षम हैं. 

इन बीमारियों में मिलेगी मदद 

एंडोमेट्रियोसिस को सूजन से संबंधित स्थिति भी माना जाता है क्योंकि इस समस्या से पीड़ित लोगों की इम्यूनिटी काफी एक्टिव रहती है, जो इसके लक्षणों को और खराब करती है. वहीं पीरियड ब्लड में काफी मात्रा में लाइव इम्यून सेल्स होता है, जो रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट से आता है. 

ये इम्यून सेल्स गर्भाशय में होने वाली सूजन की जानकारी देती है. इससे शोधकर्ताओं को पेनफुल सेक्स का उपचार करने में भी मदद मिल सकती है. एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित लोग इस समस्या से जूझते है. इसके अलावा पीरियड ब्लड का इस्तेमाल मिसकैरेज समेत प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए भी किया जा रहा है.