Brain Tomor News: ब्रेन ट्यूमर होने से आती है ये परेशानियां, देखें लक्षण
Brain Tomor News: देश में हर साल 50 हजार से ज्यादा लोग ब्रेन ट्यूमर का शिकार हो रहे हैं. इनमें 20 प्रतिशत संख्या बच्चों की है. ब्रेन ट्यूमर होने पर शुरुआती तौर पर कुछ लक्षण उभरते हैं. उन लक्षणों की पहचान करके तुरंत इलाज करवाना चाहिए. देरी करने से इलाज की संभावना कम होती जाती है.

Brain tomor news: ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर बीमारी है. कई बार यह केवल सामान्य गांठ होती है और कई बार दिमाग में कैंसर वाला ट्यूमर भी होता है. ब्रेन ट्यूमर का पता अक्सर देर से ही चलता है.
तब तक यह बीमारी लाइलाज हो चुकी होती है. ब्रेन ट्यूमर होने पर शुरुआती तौर पर कुछ लक्षण उभरते हैं. हालांकि यह लक्षण काफी हल्के होते हैं, जिनके चलते मरीज उन्हें नजरअंदाज कर देता है. ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती तौरपर क्या होते हैं लक्षण और कैसे करें पहचान.
भारत में हर साल 50 हजार से ज्यादा लोगों में ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है. इनमें 20 प्रतिशत संख्या बच्चों की होती है. ब्रेन ट्यूमर होने के प्रमुख कारणों में पर्यावरणीय बदलाव, रासायनिक तत्वों और जहरीले पदार्थों के संपर्क में आना और अनुवांशिक कारण शामिल होते हैं.
ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत में ही कुछ लक्षण उभरते हैं. जिन्हें पहचानना जरूरी होता है. शुरुआती तौर पर इलाज करवाने से इससे निजात मिलने की संभावना ज्यादा रहती है. लेकिन, ब्रेन ट्यूमर के फैलने पर इलाज भी कठिन हो जाता है. कई बार तो इसका कोई इलाज ही नहीं रहता.
शुरुआती लक्षण
ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत में कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं. उनमें नजर धुंधली होना. याददाश्त पर असर पड़ना, अचानक बेहोश होना. बोलने में परेशानी होना. शब्दों के उच्चारण में कठिनता का अनुभव करना और शब्दों को याद रखने में परेशानी होना.
कमजोरी महसूस होना. चलने और कुछ काम करने में परेशानी महसूस होना. व्यक्तित्व में बदलाव होना. इसमें मूड स्विंग होना और गुस्सा शामिल हो सकता है. इसके साथ ही कानों में लगातार घंटी की आवाज गूंजना भी ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं.
डॉक्टर से करें संपर्क
इनमें से यदि आपको कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर न करें. शुरुआती जांच के बाद इलाज शुरु होने से ब्रेन ट्यूमर से उबरने की संभावना ज्यादा रहती है.
ब्रेन ट्यूमर के फैलने और उसका आकार बढ़ने के साथ ही इलाज की संभावना भी कम होती जाती है. इसलिए जरूरी है कि शुरुआती लक्षण उभरते ही उन पर ध्यान दिया जाए.