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Pakistan News: पाकिस्तान में देहाड़ी के मिलते हैं महज इतने रूपये, जानें क्यों गरीब बना पाकिस्तान

Pakistan News: पाकिस्तान के इस कायरतापूर्ण हमले की दुनिया में हर तरफ निंदा हो रही है. पाकिस्तान की हकीकत कुछ और ही है. कंगाल पाकिस्तान इस कदर गरीब है कि वहां हर इंसान की एक दिन की कमाई महज 585 रुपए है और 84 फीसदी जनता गरीबी रेखा के नीचे है.

 
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Pakistan News: पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हाल ही में दुनिया के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक जम्मू कश्मीर के पहलगाम घाटी को हमले से एक बार फिर लहुलूहान कर दिया है. 

इस बार आतंकियों ने कश्मीर के उस हिस्से को निशाना बनाया है जिसे जन्नत कहा जाता है. पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर बेख़ौफ़ गोलियां बरसाईं जिसमें 26 सैलानियों की जान चली गई.

पाकिस्तान के इस कायरतापूर्ण हमले की दुनिया में हर तरफ निंदा हो रही है. पाकिस्तान की हकीकत कुछ और ही है. कंगाल पाकिस्तान इस कदर गरीब है कि अगर भारत ने उसपर एक भी हमला किया तो कई सालों तक उसके जख्म नहीं भूल पाएगा और हर्जाना भुगतता रहेगा. आइए आपको पाकिस्तान की इकोनॉमिक हकीकत बताते हैं.

ये है पाकिस्तान की हकीकत

पाकिस्तान की इकोनॉमी लगातार डूब रही है और पडोसी देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है. आलम ये है कि कई बार पाकिस्तान IMF के आगे भीख भी मांग चुका है लेकिन पाकिस्तान की हरकत और हालात देखते हुए IMF भी पाकिस्तान को पैसा देने के लिए तैयार नहीं हो रहा है. 

2024 के ताज़ा आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि पाकिस्तान की आम जनता की ज़िंदगी किस कदर मुश्किल हो चुकी है. 

वहां के नागरिकों की औसत दैनिक कमाई सिर्फ ₹585 है, यानी लगभग 6.85 डॉलर. ये एक ऐसा आंकड़ा है जो देश की गरीबी, बेरोज़गारी और आर्थिक असमानता की असली तस्वीर दिखाता है.

गिरती जीडीपी और डूबती अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान की कुल जीडीपी 2024 में $374.6 अरब डॉलर है जो कि दुनिया में 43वें स्थान पर है. लेकिन अगर इसे देश की जनसंख्या (25.44 करोड़) में बांटा जाए, तो हर नागरिक के हिस्से सिर्फ ₹1.32 लाख सालाना आते हैं. 

2023 में जीडीपी में -0.2% की गिरावट दर्ज की गई थी. 2024 में मामूली सुधार के साथ यह 2.4% तक पहुंची, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. महंगाई, कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता ने अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ दी है.

84% लोग गरीबी रेखा के नीचे

शायद सबसे चौंकाने वाला तथ्य ये भी है कि पाकिस्तान में 84.5% आबादी $6.85 प्रतिदिन से कम पर ज़िंदगी बसर कर रही है. इतना ही नहीं, लगभग 40% लोग $3.65 प्रतिदिन से भी कम पर जीवनयापन कर रहे हैं. 

यानी हर दस में चार लोग भयंकर गरीबी से जूझ रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में यह हालत और भी बुरी है. ज़्यादातर लोग या तो बेरोज़गार हैं या अनौपचारिक क्षेत्र में बेहद कम पैसे पर काम कर रहे हैं.

ये है कमाई का जरिया

पाकिस्तान का आर्थिक ढांचा मुख्य रूप से टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्युटिकल्स और रिमोट फ्रीलांसिंग जैसे क्षेत्रों पर आधारित है. 2024 में देश का निर्यात $38.9 अरब डॉलर रहा, जिसमें टेक्सटाइल का योगदान सबसे अधिक ($16.3 अरब डॉलर) था. वहीं आयात $63.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिससे व्यापार घाटा लगातार बना हुआ है.

कर्ज और महंगाई ने बढ़ाई मुश्किलें

पाकिस्तान पर इस समय $131 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी कर्ज है. इसका मतलब है कि देश की सरकार अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा सिर्फ कर्ज चुकाने में खर्च कर रही है. ऊपर से ब्याज दरें 12% तक पहुंच चुकी हैं, जिससे व्यापार करना और महंगा हो गया है. खाने-पीने की चीज़ों से लेकर ईंधन तक, सब कुछ आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है.

गरीब देश की हकीकत

जब देश की 80% से ज़्यादा जनता ज़रूरत की चीज़ें पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हो, तब कोई भी आर्थिक रिपोर्ट या जीडीपी ग्रोथ आंकड़े सिर्फ खोखले आंकड़े लगते हैं. यह देश सिर्फ आंकड़ों की किताबों में एक “ग्लोबल इकोनॉमी” बनकर रह जाएगा, लेकिन ज़मीनी हकीकत में यह अपने नागरिकों को दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाएगा.